बदलते दौर में संयुक्त परिवार धीरे धीरे एकल परिवार बनता जा रहा है बिहार में एक ऐसा परिवार है जिसकी लोग मिसाल देते हैं यह परिवार पिछले पांच पीढ़ी से एक साथ रह रहा है और परिवार के हर सदस्य खुशनुमा जिंदगी जी रहे हैं संयुक्त परिवार उनके लिए जीवन शैली बन चुकी है
15 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है और यह परंपरा 1994 से चली आ रही है संयुक्त परिवार से लोग बाग दूर होते जा रहे हैं एकल परिवार लोगों की पसंद बन चुकी है बदलते दौर में जहां एकल परिवार को पसंद करने वाले वालों की तादाद ज्यादा है वहीं संयुक्त परिवार को पसंद करने वालों की भी कमी नहीं है राजधानी पटना के कदम कुआं में रहने वाला चंदेल परिवार एक संयुक्त परिवार की बड़ी मिसाल है
कदम कुआं इलाके का पीर मोहनी स्थित चंदेल निवास अपने आप में एक मिसाल है चंदेल निवास में 72 कमरे हैं और 160 से अधिक लोग परिवार में रहते हैं चंदेल निवास में पांच पीढ़ी के लोग एक साथ रहते हैं और सब एक दूसरे की देखभाल करते हैं नई पीढ़ी के बच्चें भी तमाम रिश्तेदारों को जानते और पहचानते हैं चंदेल परिवार अपने आप में एक मोहल्ला है
महंगाई और भाग दौड़ के इस दौर में एकल परिवार लोगों की पसंद है ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ अपार्टमेंट कल्चर में रहना चाहते हैं हालांकि चंदेल परिवार इन सब चीजों से दूर है परिवार के बुजुर्ग बताते हैं कि पहले उन लोगों का खाना भी एक साथ बनता था वहीं जैसे जैसे संख्या बढ़ने लगी और पसंद ना पसंद की बात सामने आने लगी तो लोगों के किचन अलग हो गए
चंदेल परिवार मूल रूप से राघोपुर दियारा इलाके से आता है उनके गांव में भी पांच बीघे में चंदेल परिवार का निवास है परिसर में भव्य मंदिर और क्रिकेट का मैदान है तो स्कूल का भी संचालन होता है गांव में खेती इतनी होती है कि उस से ही परिवार का भोजन आसानी से चल जाता है परिवार में अगर कोई नौकरी ना भी कर तो खाने पीने की दिक्कत नहीं होगी
अमित कुमार चंदेल कहते हैं कि हमारे परिवार में 160 से अधिक लोग एक साथ रहते हैं यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है पांच जनरेशन के लोग एक साथ चंदेल निवास में रहते हैं पूरे इलाके के लिए यह जिज्ञासा का विषय है अगर वो कहीं बारात जाते हैं तो उन्हें पहले ही बता देते हैं कि बारात की संख्या कम से कम 100 होगी उनके परिवार के कुछ बच्चे विदेश में भी रहते हैं लेकिन जब वह आते हैं तो सबका चरण छूकर आशीर्वाद लेते हैं इस काम में उन्हें 45 मिनट से 1 घंटे का वक्त लग जाता है
युवा पीढ़ी आमतौर पर एकल परिवार को पसंद करते हैं लेकिन इस परिवार के युवा पीढ़ी को संयुक्त परिवार पसंद है आयुष्मान कहते हैं कि परिवार में रहना उन्हें अच्छा लगता है वो लोग एक दूसरे के दुख सुख में शामिल होते हैं और त्योहार के मौके पर हम लोग एक साथ खूब इंजॉय करते हैं
परिवार की एक बेटी हैदराबाद में रहती है और एक महीने के लिए वह अपने मायके आई है मायके इसलिए आती है क्योंकि कि वह संयुक्त परिवार का आनंद उठा सके उनका कहना है कि हैदराबाद में वो एकल परिवार में रहती हैं यहां आकर संयुक्त परिवार के माहौल को इंजॉय करते हैं
परिवार की एक अन्य महिला सदस्य कहती है कि हम जब शादी करके इस घर में आई थी तो उन्हें लगता था कि इतने लोगों को कैसे पहचान पाएंगी? हालांकि 34 साल बीत जाने के बाद यह सब उनके लिए आसान हो गया और संयुक्त परिवार में रहना उन्हें बेहद अच्छा लगता है संयुक्त परिवार की खासियत यह है कि आपका दुख आधा हो जाता है और सुख दोगुना हो जाता है
लाइव टीवी न्यूज़ 24×7 के लिए पटना से ब्यूरो रिपोर्ट