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राजधानी दिल्ली के एम्स में आया चार पैर वाला 17 वर्षीय लड़का एम्स से मिला नया जीवन

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भगवान की अजीब लीला है इंसानों को ऐसी ऐसी दुश्वारियों से गुजारता है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता एक बच्चा पिछले 17 साल से ऐसा जीवन जी रहा था कि आप सुनकर भी दंग रह जाएंगे यह बच्चा 4 पैरों के साथ ही जन्म लेकर इस दुनिया में आया ऐसा नहीं है कि चारों पैरों चलने के लिए थे बल्कि दो पैर इसके पेट के पास चिपके थे अधिकांश लोग इसे देखकर डर जाते थे प्रताड़ना इतनी अधिक बढ़ गई कि 8वीं तक आते-आते स्कूल छोड़ना पड़ा बच्चे को हर तरफ से ताना मिलता था लेकिन उसकी जीवटता को देखिए कि वह इस दर्द को पिछले 17 सालों से झेल रहा था अंत में अब उसे नया जीवन मिल गया है अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के डॉक्टरों की करामात से इस बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया और यह बच्चा अब तंदुरुस्त हो गया

एम्स के सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर असुरी कृष्णा ने बताया कि 28 जनवरी को 17 साल का बच्चा एम्स के ओपीडी में लाया गया डॉक्टर असुरी कृष्णा के मुताबिक जब ये बच्चा ओपीडी में पहुंचा उसके पेट को कपड़े से ढका गया था पेट के पास कपड़ों के अंदर से दो पैर लटक रहे थे पहली नजर में डॉक्टरों को लगा कि हो सकता है कि उसने कि किसी छोटे से बच्चे को गोंद लिया हो ये उसी के पैर होंगे लेकिन जब कपड़ा हटाया गया तो उसे देख वहां मौजूद डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ दंग रह गए बच्चे के पेट से अटैच दो पैर डॉक्टरों को नजर आए आम बोलचाल की भाषा में इसे चार पैर वाला बच्चा कहेंगे जबकि मेडिकल टर्म में इसे

एम्स नई दिल्ली में डॉक्टरों की टीम ने बेहद ही जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया मेडिकल क्षेत्र में इसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है एम्स के डॉक्टरों की टीम ने ढाई घंटे की मशक्कत के बाद इस सर्जरी को सफल बनाया एम्स सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर असुरी कृष्णा ने इस सर्जरी में अहम भूमिका निभाई उनके अलावा डॉक्टर वी के बंसल डॉक्टर सुशांत सोरेन डॉक्टर बृजेश सिंह डॉक्टर अभिनव डॉक्टर मनीष सिंघल डॉक्टर शशांक चौहान डॉ गंगा प्रसाद डॉ राकेश शामिल थे डॉक्टरों की ये टीम सर्जरी के अलावा अलग अलग विभागों से शामिल हुई

डॉक्टरों की टीम के मुताबिक पेट के अंदर से निकले दो पैरों की वजह से बच्चे के शरीर का ग्रोथ नहीं हो पा रहा था उन अतिरिक्त दो पैरों की वजह से शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान हो सकता था डॉक्टरों के मुताबिक इस तरह की स्थिति तब बनती है जब जुड़वां बच्चों में एक का शरीर डेवलप नहीं हो पाता और उसके अंग दूसरे बच्चे के शरीर के साथ अटैच हो जाते हैं

एम्स के सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ असुरी कृष्णा ने बताया कि इस तरह का केस एक करोड़ की आबादी में एक हो सकता है जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में अभी तक ऐसे 42 केस रिपोर्ट हुए हैं

लाइव टीवी न्यूज़ 24×7 के लिए नई दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट

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